देश में लोहड़ी के पर्व को किसान कानून के विरोध कर रहे किसानों के लिये काले त्योहार के रूप में मानाये जाने की बात सामने आई है। आपको बता दे पूरे देश में कृषि कानून को लेकर बवाल मचा हुआ है। कई किसान संगठनो ने कृषि कानून के विरोध और इस कानून को वापिस लेने की मांग को लेकर गाजीपुर बाॅर्डर पर पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे हुए है इसमें कल सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए जल्द इसपे रोक लगाने की हिदायत दी है। लेकिन उधर धरने पे बैठे किसान संगठन और संगठनो से जुड़े सिख समुदाय के लोग इस बार लोहड़ी के पर्व को काले पर्व के रूप में मनाने का मन बना चुके है। इस मामले में उत्तराखण्ड तराई संगठन के अध्यक्ष तेेजेन्द्र सिंह विर्क ने उत्तराखण्ड वासियों से अपील करते हुए कहा है कि 13 जनवरी के दिन लोहड़ी और मकर संक्रान्ति के पर्व पर काले कृषि कानून की प्रतियां जलाई जायेगी जिसमें पूरा देश अपना समर्थन किसान आन्दोलन को दे रहा है। उत्तराखण्ड वासियों से भी अपील है कि महानगर रुद्रपुर में 13 जनवरी को तराई किसान संगठन के नेतृत्व में शहर के गल्ला मण्डी में एकत्रित होकर गांधी पार्क तक एक रैली निकाली जायेगी जिसके बाद तीनो काले कानूनो के बिला को जलाया जायेगा। विर्क ने कहा कि वह पिछले 47 दिनों से गाजीपुर में किसानों के लिये संघर्ष कर रहे है। और उत्तराखण्ड के किसान भी लगातार गाजीपुर आकर समर्थन दे रहे है, इस समर्थन में महिलाए भी वहा पर पहुंची है। उत्तराखण्ड के ऊधम सिंह नगर के आस-पास के किसान भी संघर्ष कर रहे है। इसलिये 13 जनवरी को होने वाले लोहड़ी एवं मकर संक्रान्ति के पर्व को यहा के किसान भी काले पर्व के रूप में मनाने जा रहा है।