फर्जी लोन दिखा कर 25 लाख रुपए हड़पने का आरोप, कोर्ट के आदेश पर पुलिस की कार्रवाई
रूद्रपुर। बैंक प्रबंधक सहित बैंकिंग कार्य से जुड़े चार लोगों पर फर्जी लोन दर्शाकर खाते से 25 लाख हड़पने का आरोप लगाकर एक व्यक्ति ने कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया है। भारतेन्दु मिश्रा पुत्र स्व- केशव चन्द्र मिश्रा निवासी ग्राम गंगापुर पटिया, रूद्रपुर ने हेमन्त त्रिपाठी शाखा प्रबन्धक,आईएनजी वैश्य बैंक ब्रॉच रुद्रपुर, चरनजीत कपूर केसीसी प्रबन्धक,मुकुल सिंह क्लेक्शन प्रतिनिधि व सुरेन्द्र कुमार क्लेक्शन प्रतिनिधि (आईएनजी वैश्य बैंक) वर्तमान में कोटेक महिन्द्रा बैंक शाखा रूद्रपुर के विरूद्ध दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि उसके नाम से भूमि ग्राम गंगापुर पटिया में स्थित है। वर्ष 2012 में उसने पंजाब नैशनल बैंक ब्रॉच किच्छा में अपनी उक्त भूमि बन्धक रख पन्द्रह लाख रूपये का कृषि लोन लिया था। वर्ष 2013 में उसने आईएनजी वैश्य बैंक ब्रॉच रूद्रपुर में अपनी उपरोक्त भूमि को पच्चीस लाख रूपये में बन्धक कर पंजाब नैशनल बैंक ब्रॉच किच्छा में चल रहे पन्द्रह लाख रूपये के कृषि लोन को टेकओवर करने का आवेदन किया। जिसको स्वीकार करते हुए उसेें 25 लाख रूपये का लोन 23 फरवरी 2013 को सेंक्शन किया। 25 मई 2013 को पच्चीस हजार रूपये व 29 जून 2013 को दो लाख साठ हजार रूपये अपने लोन एकाउट में जमा किये। वर्ष 2014 में परिवारिक समझौते के आधार पर उसने बैंक को जानकारी देकर अपनी कुल 14-87 एकड भूमि में से 5 एकड भूमि अपने दोनो बेटे योगेश मिश्रा व देवेश मिश्रा के नाम से दर्ज करा दी गई। कुछ दिनो बाद ही उसे व उसके पुत्रों को आईएनजी वैश्य बैंक ब्रॉच रुद्रपुर के शाखा प्रबन्धक हेमन्त त्रिपाठी ने बैक बुलाया गया। जहां शाखा प्रबन्धक के साथ साथ केसीसी प्रबन्धक चरनजीत कपूर व क्लेक्शन प्रतिनिधि मुकुल सिंह एंव सुरेन्द्र कुमार भी मौके पर मौजूद थे। हेमन्त त्रिपाठी और चरनजीत कपूर ने उससे और उसके पुत्र से बातचीत की। कुल 14-87 एकड भूमि में से 2-5 एकड़ भूमि योगेश मिश्रा व 2-5 एकड भूमि देवेश मिश्रा के नाम से दर्ज हो चुकी है इसलिए दोनो पुत्रे को पच्चीस लाख रूपये के लोन में गवाह बनना पड़ेगा व सिक्योरीटी के तौर पर अपने दो-दो ब्लैक चैक देने पड़ेंगें और कुछ कागजातो पर हस्ताक्षर करने पडेगे। भारतेन्दु मिश्रा का कहना है कि उसका छोटा पुत्र देवेश मिश्रा बाहर रहकर नौकरी किया करता था जिस कारण वह तुरन्त बैंक आकर कागजातों पर हस्ताक्षर करने व ब्लैक चौक देने में असमर्थ था और बडे पुत्र योगेश मिश्रा के पास किसी बैंक की कोई चैक बुक नहीं थी। इसलिए योगेश मिश्रा का तुरन्त नया बचत खाता खोला गया व तुरन्त लूज चैक बुक जारी कर दो ब्लैक चैक योगेश मिश्रा से हस्ताक्षर कराकर रख लिये गये। और साथ ही बैंक के छपे हुए फॉर्म पर कुछ ब्लैक कागजो पर उसके व पुत्र के हस्ताक्षर कराये गये और उसके बाद उसका खाता सुचारू रूप से चलता रहा। माह अप्रेल वर्ष 2015 में आईएनजी वैश्य बैंक कोटेक महिन्द्रा बैंक के साथ मर्ज हो गया और कोटेक महिन्द्रा बैंक के नाम से ही जाना जाने लगा। जनवरी 2023 में चण्डीगढ पुलिस उसके घर पहुँची और बताया कि योगेश मिश्रा के विरूद्ध कोटेक महिन्द्रा बैंक ने मुकदमा दायर किया गया है और उसमें जारी गैर जमानती वारंट के अनुपालन में वह योगेश मिश्रा को गिरफ्रतार करने आये है। बैंक जाकर पता चला आरोपियों ने मिलीभगत कर योगेश मिश्रा के नाम से एक फर्जी कृषि लोन पच्चीस लाख रूपये सेंक्शन किया गया है और पच्चीस लाख रूपये एक साथ कुछ दिनो के अन्दर निकाल लिए गए है। बीच बीच में क्लेक्शन प्रतिनिधि मुकुल सिंह एंव सुरेन्द्र कुमार को अपने लोन एकाउट में जमा करने के लिए दिये गये पैसों को उनके द्वारा इस फर्जी लोन एकाउट में जमा कराये गये है। पुलिस ने बताया कि कोर्ट के अदेश पर पुलिस ने मामले की रपट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।