नानकमत्ता क्षेत्र में देर रात वनकर्मी के साथ हुई घटना के बाद रनसाली वन रैन्ज के जंगलो में पुलिस ने कांबिंग के दौरान तीसरा वन तस्कर भी दबोचा
रुद्रपुर। नानकमत्ता क्षेत्र जंगल में हुई घटना के बाद गठित पुलिस टीमों का एक्शन दिखाई दिया और 24 घंटे के भीतर पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले शातिर अपराधियों की धरपकड के लिए बुलेटप्रुफ जैकेट व आधुनिक हथियारों के साथ कांबिंग के दौरान एक वन तस्कर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने वांछित अभियुक्तो के गांव टुकडी, बिचुवा तथा रनसाली वन रैन्ज के जंगलों में संघन कॉम्बिंग की। पुलिस के मुताबिक पुलिस इस प्रकरण में अब तक तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है और पूर्व में दो अभियुक्तों अमरीक व चरणजीत को किया जा चुका है। 15/16 अक्टूबर 24 की देर रात सूचना मिली थी कि ग्राम कैथुलिया में छापेमारी के दौरान वन विभाग वन रैन्ज रनसाली की टीम के ऊपर कुछ वन तस्करों द्वारा फायर किया गया है जिसमें एक वन आरक्षी घायल है। इस पर मुकदमा दर्ज कर खुलासे में पुलिस टीमें बनाई गई। एसएसपी के निर्देश पर तस्करों की गिरफ्तारी को पुलिस के साथ एसओजी को निर्देशित किया गया। इसके बाद टीम ने नामजद अभियुक्त अमरीक सिंह पुत्र मान सिंह निवासी ग्राम कैथुलिया,चरनजीत सिंह पुत्र अमरीक सिंह निवासी ग्राम कैथुलिया थाना नानकमत्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अन्य की गिरफ्तारी को पुलिस की कार्रवाई जारी रही। पुलिस को वांछित अभियुक्तगणों के घटनास्थल के पास जंगल में छिपे होने की सम्भावना को देखते हुए पुलिस ने सम्भावित ठिकाने रनसाली जंगल की कॉम्बिंग शुरू की। देर रात पुलिस ने शातिर अपराधियों की धरपकड को बुलेटप्रुफ जैकेट तथा आधुनिक हथियारों के साथ गांव टुकडी, बिचुवा के समीप स्थित रनसाली वन रैन्ज के जंगलों में संघन कॉम्बिंग की गयी। कॉम्बिंग के दौरान पुलिस ने वांछित अभियुक्त बलजीत सिंह पुत्र अमरीक सिंह निवासी ग्राम टुकडी थाना नानकमत्ता को रनसाली जंगल से देवा नदी के किनारे बने झाले में पुलिस मुठभेड के दौरान आवश्यक बल प्रयोग करते हुए गिरफ्तार किया।नानकमत्ता में घटना में शामिल अन्य अभियुक्तों व घटना में प्रयुक्त अस्लहों के बरामदगी को पूछताछ की जा रही है। विवेचना यह तथ्य प्रकाश में आये कि ग्राम कैथुलिया निवासी अमरीक सिंह व उसका पुत्र चरनजीत सिंह नानकमत्ता क्षेत्र के ग्राम टुकडी व ध्यानपुर के कुछ वन तस्करों से सम्पर्क कर उनके द्वारा अवैध रूप से लायी गयी खैर की लकडी को अपने घर में एकत्र करते थे। उत्तर प्रदेश के लकडी व्यापारियों से सम्पर्क कर पिकअप में अवैध रूप से अपने घर में रखी गयी खैर के गिल्टों को डालकर उत्तर प्रदेश भेज देते थे।

