रूद्रपुर। वसीयत व विवाह पंजीकरण के कार्यों से अधिवक्त एवं दस्तावेज लेखकों को हटाये जाने तथा यूसीसी वैबसाईट पर पोर्टल बनाये जाने व पैपर लैस ऑनलाईन पंजीकरण के कार्यों से उन्हें वंचित न किये जाने की मांगों को लेकर नौवे दिन भी वकीलों व दस्तावेज लेखकों का धरना जारी रहा। धरना स्थल पर अधिवक्ता गुरदीप सिंह ने कहा कि सरकार अधिवक्ताओं के विरूद्ध नये कानून व अधिनियम लाकर उन्हें उनके कार्यों से विरत करने का काम कर रही है। जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। अधिवक्ता वर्ग हमेशा दूसरों के हितों के लिए लड़ता है आज उसे सड़कों पर आकर अपने लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी लागू करने के पश्चात विवाह व इच्छा पत्र पंजीकरण के कार्यों से अधिवक्ताओं व दस्तावेज लेखकों की सहभागिता से उन्हें बाहर कर दिया गया है और अब पैपर लैस ऑनलाईन रजिस्ट्रीकरण के कार्य से भी सरकार ने उन्हें बाहर किया जा सकता है। जिसे किसी भी दशा में बर्दाशत नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण उत्तराखंड के अधिवक्ता लगातार अपना कार्य बहिष्कार करके आन्दोलन कर रहे है और सरकार से मांग कर रहे है कि यूसीसी पोर्टल से सीएसी सेन्टरों को हटकर उनका पोर्टल बनाया जाये और भविष्य में पैपर लैस पंजीकरण के कार्यों से उन्हे अलग न किया जाये लेकिन सरकार द्वारा अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
पूरे राज्य के अधिवक्ताओं से अपील की है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तब तक वह अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
धरना स्थल पर एडवाकेट, मुनीश गिरी, अशोक चन्द्र, प्रमोद मित्तल,अशोक कुमार सागर, जसपाल सिंह, महिपाल सिंह, रोहन मिश्रा, दीपक कुमार समेत दस्तावेज लेखक लक्ष्मी नारायण सक्सेना,शेखर शर्मा,भगवान दास, पृथ्वी सिंह, एडवोकेट गणेश चन्द्र, कपिल छाबड़ा, प्रवीण सिंह, सगीर अहमद, उदय राठौर, मो. आजम, गौरव सक्सेना, मजहर रिजवी, सरस गुप्ता, रोहित राठौर आदि शामिल रहे।