डिप्टी रेंजर दीवान सिंह रौतेला और बीट वाचर मो. रफीक घायल, दो तस्कर चढ़े कर्मियों के हत्थे, 3 फरार
रुद्रपुर। नैनीताल हाईवे पर गश्त पर गश्त कर रहे वन विभाग टीम को देख वन तस्कर भाग खड़े हुए। पीछा करने पर वन कर्मियों और तस्करों के वाहन आमने-सामने टकरा गए। इस दौरान डिप्टी रेंजर और वीट बाचर घायल हो गए। वन कर्मियों ने घेराबंदी कर दो तस्करों को दबोच लिया। जबकि तीन भागने में सफल हो गए। घायल वन कर्मियों को उपचार को अस्पताल ले जाया गया। सोमवार करीब देर रात एक बजे वन विभाग के डिप्टी रेंजर दीवान सिंह रौतेला के नेतृत्व में टीम टांडा जंगल नैनीताल हाइवे पर गश्त पर थे। इस दौरान हल्द्वानी रेलवे क्रासिंग और संजय वन के बीच जंगल में वाहन की लाइट दिखाई दी। लाइट देख वन कर्मियों को शक हुआ तो वह मौके पर पहुंच गए। बताया जा रहा है कि वन विभाग की टीम को देखकर बोलेरो सवार युवक भागने लगे। इस पर वन विभाग की टीम ने बोलेरो का पीछा किया। हाइवे पर दोनों के वाहन आपस में आमने सामने टकरा गए। जिससे डिप्टी रेंजर दीवान सिंह रौतेला और बीट वाचर मो. रफीक घायल हो गए। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वाहनों के टक्कर के बाद बोलेरो सवार चार-पांच तस्कर जंगल की ओर भागे। दो तस्करों को टीम ने दबोच लिया, जबकि तीन तस्कर फरार हो गए। बोलेरो में टीम को खैर की छह गिल्टे बरामद हुए। पकड़े गए तस्करों ने पूछताछ में अपना नाम दिनेशपुर खटोला नंबर दो निवासी लखविंदर सिंह उर्फ लक्खा पुत्र गुरुबक्श सिंह और किशन विश्वास पुत्र गोपाल विश्वास बताया। पूछताछ में यह भी बताया कि टांडा जंगल में खैर की लकड़ी तीन-चार दिन पहले काटी थी और गिल्टे छिपा दिए थे। सेामवार रात वह बोलेरो में लोडकर उसे गदरपुर मकरंदपुर निवासी सोनू को देने जा रहे थे। सोनू उनसे दो हजार रुपये प्रति कुंतल खैर की लकड़ी खरीदता है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक गिरफ्तार व फरार तस्करों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। फरार तस्करों की तलाश की जा रही है।


