ठेकेदार से फायर स्टेशन सिडकुल हरिद्वार के निर्माण एवं सुधार कार्य के भुगतान के अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के एवज में अवर अभियन्ता सुधाकर त्रिपाठी को 25 हजार रूपये रिश्वत लेते पकड़ा था विजिलेंस ने
रुद्रपुर। एक ठेकेदार से फायर स्टेशन सिडकुल हरिद्वार के निर्माण एवं सुधार कार्य के भुगतान के अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने के एवज में अवर अभियन्ता सुधाकर त्रिपाठी द्वारा की जा रही 25 हजार रूपये की रिश्वत मांगी थी। इसकी शिकायत ठेकेदार ने 16 जुलाई 2010 को विजिलेंस देहरादून से की। शिकायती पत्र में कहा गया कि सवह डी श्रेणी का ठेकेदार है और उसके द्वारा फायर स्टेशन सिडकुल हरिद्वार के निर्माण एवं सुधार कार्य के भुगतान के अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने के एवज में परिक्षेत्रीय अवर अभियन्ता सुधाकर त्रिपाठी द्वारा 25,000 रूपये की माँग की जा रही है। शिकायतकर्ता की शिकायत पर सतर्कता अधिष्ठान सैक्टर देहरादून की ट्रैप टीम ने नियमानुसार कार्रवाई करते हुए अवर अभियन्ता सुधाकर त्रिपाठी को 17 जून 2010 को शिकायतकर्ता से 25 हजार रुपए लेते हुये रंगेहाथ गिरफ्तार कर उसके विरूद्ध नियमानुसार धारा 7/13 (1) डी सपठित धारा 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 का अभियोग पंजीकृत किया गया। विवेचक ने जांच करते हुए आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया। कोर्ट में सुनवाई दौरान सतर्कता अधिष्ठान के अभियोजन अधिकारी धर्मेन्द्र आर्य, पैरोकार कांस्टेबल गोपाल द्वारा की गयी कुशल पैरवी के फलस्वरूप 31 अगस्त 24 को माननीय विशेष न्यायालय, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम गढवाल परिक्षेत्र मनीष मिश्रा द्वारा अभियुक्त सुधाकर त्रिपाठी को दोषी पाते हुये धारा 7 व०नि०अधिनियम में पाँच वर्ष का कठोर कारावास व 25 हजार रुपए के अर्थदंड व धारा 13 (1) डी सपठित धारा 13 (2) में पाँच वर्ष का सश्रम कारावास व 2500/- हजार रुपए का अर्थदंड से दंडित किया गया हैं। एसएसपी विजिलेंस देहरादून धीरेन्द्र गुंज्याल ने बताया कि
यदि कोई राज्य के सरकारी विभागों में नियुक्त अधिकारी/कर्मचारी, अपने पदीय कार्य के सम्पादन में किसी प्रकार का दबाव बनाकर रिश्वत की मांग करता है तथा उसके द्वारा आय से अधिक अवैध सम्पत्ति अर्जित की गयी हो, तो इस सम्बन्ध में सतर्कता अधिष्ठान के टोल फ्री हैल्पलाइन नम्बर-1064 एवं Whatsapp हैल्पलाईन नम्बर पर सूचना दें।